कर्नल सोफिया कुरैशी की जीवनी : भारत की सेना में कुछ ऐसी शख्सियतें हैं, जिन्होंने न केवल अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया, बल्कि इतिहास के पन्नों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। कर्नल सोफिया कुरैशी ऐसी ही एक प्रेरणादायक महिला हैं। गुजरात के वडोदरा में जन्मीं सोफिया ने अपनी मेहनत, लगन और देशभक्ति से न केवल भारतीय सेना में उच्च पद हासिल किया, बल्कि महिलाओं के लिए नए रास्ते भी खोले। उनकी कहानी साहस, समर्पण और नेतृत्व की मिसाल है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम कर्नल सोफिया कुरैशी की जीवनी (Sophia Qureshi Biography in Hindi) को विस्तार से जानेंगे। उनके प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, करियर, पारिवारिक पृष्ठभूमि और उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे। साथ ही, हम यह भी देखेंगे कि कैसे उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मिशन में अपनी भूमिका निभाई। यह लेख सरल, आकर्षक और जानकारी से भरपूर है, जो आपको सोफिया की प्रेरक यात्रा से जोड़ेगा।
प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
एक सैन्य परिवार की बेटी
सोफिया कुरैशी का जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ था। उनका परिवार शुरू से ही भारतीय सेना से जुड़ा रहा। उनके दादा भारतीय सेना में धार्मिक शिक्षक (Religious Teacher) के पद पर थे, जबकि उनके पिता, ताज मोहम्मद कुरैशी, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हिस्सा ले चुके थे। उनके परदादा ने भी ब्रिटिश भारतीय सेना में सेवा दी और 1857 के विद्रोह में भाग लिया।
सोफिया की जुड़वां बहन शायना सुनसारा ने एक इंटरव्यू में बताया कि बचपन से ही सोफिया देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहती थीं। वे वैज्ञानिक बनकर DRDO में काम करना चाहती थीं और डॉ. एपीजे अब्दुल कलम के साथ जुड़ने का सपना देखती थीं। लेकिन सेना के प्रति उनका जुनून उन्हें इस रास्ते पर ले आया।
शिक्षा: बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स
सोफिया ने अपनी स्कूली शिक्षा वडोदरा के केंद्रीय विद्यालय, EME से पूरी की। इसके बाद उन्होंने महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय (MSU), वडोदरा से 1997 में केमिस्ट्री में बीएससी और बायोकेमिस्ट्री में एमएससी पूरी की। उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पीएचडी शुरू की थी, लेकिन देशसेवा का जुनून उन्हें सेना में ले गया।
भारतीय सेना में करियर की शुरुआत
ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण
1999 में सोफिया ने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) से प्रशिक्षण प्राप्त किया और भारतीय सेना के सिग्नल कोर में कमीशन प्राप्त किया। सिग्नल कोर सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सैन्य संचार प्रणालियों को संभालता है। सोफिया ने अपनी काबिलियत और मेहनत से जल्द ही इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।
शुरुआती पोस्टिंग और अनुभव
सोफिया की पहली पोस्टिंग भारत के विभिन्न हिस्सों में हुई, जिनमें आतंकवाद विरोधी क्षेत्र भी शामिल थे। उन्होंने सिग्नल रेजिमेंट में काम किया और कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया। उनके परिवार की सैन्य पृष्ठभूमि ने उन्हें अनुशासन और समर्पण की भावना दी, जिसका असर उनके काम में साफ दिखता था।
ऐतिहासिक उपलब्धियां
पहली महिला जो बनीं मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यास की कमांडर
सोफिया कुरैशी ने 2016 में इतिहास रच दिया, जब वे मल्टीनेशनल सैन्य अभ्यास ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। यह अभ्यास पुणे के औंध मिलिट्री स्टेशन में हुआ और इसमें 18 देशों ने हिस्सा लिया, जिनमें अमेरिका, रूस, चीन, जापान और ASEAN देश शामिल थे।
इस अभ्यास में सोफिया ने 40 सदस्यों की भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह पहली बार था जब किसी महिला अधिकारी ने इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय मंच पर कमान संभाली। उनकी इस उपलब्धि की तारीफ तत्कालीन सेना कमांडर जनरल बिपिन रावत ने भी की, जिन्होंने कहा, “उनका चयन उनकी योग्यता और नेतृत्व क्षमता के आधार पर हुआ, न कि उनके जेंडर के आधार पर।”
यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन
सोफिया ने 2006 में कांगो में यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन में हिस्सा लिया। इस मिशन में उन्होंने सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया और शांति स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 2010 से वे पीसकीपिंग ऑपरेशंस से जुड़ी रहीं और देश के कई पीसकीपिंग ट्रेनर्स में से चुनी गईं। उनकी यह उपलब्धि भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक क्षण
ऑपरेशन सिंदूर क्या था?
7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमले किए। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर काम किया।
सोफिया की भूमिका
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस ऑपरेशन की प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व किया। सोफिया ने देश को बताया कि यह ऑपरेशन केवल 25 मिनट में पूरा हुआ, जिसमें 70 से अधिक आतंकवादी मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हुए। उन्होंने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन में फ्रांस निर्मित SCALP क्रूज मिसाइल्स और AASM हैमर प्रिसिजन बम का इस्तेमाल किया गया।
इस ब्रीफिंग में उनकी शांत और आत्मविश्वास भरी उपस्थिति ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाया, बल्कि महिलाओं की नेतृत्व क्षमता को भी सामने लाया। यह क्षण भारतीय सेना में महिलाओं की बदलती भूमिका का प्रतीक था।
व्यक्तिगत जीवन
परिवार और शादी
सोफिया की शादी कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी से हुई, जो भारतीय सेना की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री में अधिकारी हैं। यह जोड़ा 2015 में शादी के बंधन में बंधा। वर्तमान में सोफिया जम्मू में और उनके पति झांसी में तैनात हैं। उनके 18 वर्षीय बेटे भारतीय वायुसेना में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि उनकी बेटी भी सेना में जाने की इच्छा रखती है।
सोफिया की जुड़वां बहन शायना सुनसारा एक फिल्म प्रोडक्शन हाउस चलाती हैं और 2017 में मिस इंडिया अर्थ रह चुकी हैं। सोफिया का परिवार उनकी सबसे बड़ी ताकत है, जो उनकी हर उपलब्धि में उनका साथ देता है।
संतुलन और प्रेरणा
सोफिया ने हमेशा अपने कर्तव्यों और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखा। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “मेरे लिए ड्यूटी पहले आती है, लेकिन मेरा परिवार मेरी प्रेरणा है।” उनकी यह सोच युवा पीढ़ी के लिए एक मिसाल है।
सोफिया कुरैशी की उपलब्धियों का सारांश
क्षेत्र | उपलब्धि |
---|---|
शिक्षा | बायोकेमिस्ट्री में एमएससी, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा |
सैन्य प्रशिक्षण | 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से कमीशन प्राप्त |
ऐतिहासिक उपलब्धि | 2016 में एक्सरसाइज फोर्स 18 में पहली महिला कमांडर |
पीसकीपिंग मिशन | 2006 में कांगो में यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग मिशन में हिस्सा |
ऑपरेशन सिंदूर | 2025 में प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व, आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले की जानकारी दी |
सोफिया कुरैशी से प्रेरणा
सोफिया कुरैशी की कहानी केवल एक सैन्य अधिकारी की नहीं, बल्कि एक ऐसी महिला की है, जिसने हर बाधा को पार कर अपने सपनों को साकार किया। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि सच्ची मेहनत और देश के प्रति समर्पण किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
उनका संदेश युवा लड़कियों के लिए स्पष्ट है: “सेना में शामिल हो। यह न केवल एक करियर है, बल्कि देश के लिए गर्व और सम्मान का अवसर है।”
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। वे 2016 में एक्सरसाइज फोर्स 18 में भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं और 2025 में ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व किया।
2. सोफिया कुरैशी की शैक्षणिक योग्यता क्या है?
सोफिया ने महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा से केमिस्ट्री में बीएससी और बायोकेमिस्ट्री में एमएससी की डिग्री हासिल की है।
3. ऑपरेशन सिंदूर में सोफिया कुरैशी की क्या भूमिका थी?
सोफिया ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस ब्रीफिंग में हिस्सा लिया और देश को इस सैन्य कार्रवाई की जानकारी दी, जिसमें आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए थे।
4. सोफिया कुरैशी का परिवार क्या करता है?
सोफिया के पति कर्नल ताजुद्दीन बागेवाड़ी भारतीय सेना में हैं। उनकी जुड़वां बहन शायना सुनसारा मिस इंडिया अर्थ रह चुकी हैं और फिल्म प्रोडक्शन हाउस चलाती हैं। उनका बेटा वायुसेना में शामिल होने की तैयारी कर रहा है।
5. सोफिया कुरैशी ने सेना में कब और कैसे प्रवेश किया?
सोफिया ने 1999 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया और भारतीय सेना के सिग्नल कोर में कमीशन प्राप्त किया।
निष्कर्ष
कर्नल सोफिया कुरैशी की जीवनी न केवल एक सैन्य अधिकारी की कहानी है, बल्कि यह एक ऐसी महिला की प्रेरणा है, जिसने अपने दृढ़ संकल्प और देशभक्ति से असंभव को संभव बनाया। उनकी उपलब्धियां, चाहे वह एक्सरसाइज फोर्स 18 में नेतृत्व हो या ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका, भारतीय सेना में महिलाओं की बढ़ती ताकत को दर्शाती हैं।
उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सपने कितने भी बड़े क्यों न हों, मेहनत और लगन से उन्हें हासिल किया जा सकता है। अगर यह लेख आपको प्रेरित करता है, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें, और हमें कमेंट में बताएं कि आपको सोफिया कुरैशी की कौन सी उपलब्धि सबसे ज्यादा प्रभावित करती है!